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Showing posts from December, 2019

शक्तिशाली मध्यप्रदेश के लिए रखें बड़ी सोच-कमल नाथ

  एक साल बीत गया। सरकार की स्थिरता के सम्बन्ध में  तमाम अटकलों  का अंत हो गया है। मैंने बार-बार दोहराया   कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, यह सरकार लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतिबिंब है। लोग चाहते थे कि उनकी पसंद का एजेंडा लागू हो, न कि उन पर कोई एजेंडा थोपा जाए। लोगों के फैसले का सम्मान स्वस्थ रूप से किया जाना चाहिए। यदि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, तो हमें लोगों की  पसंद और उनके विवेक  का सम्मान करना चाहिए। मैंने मध्य प्रदेश को अपार अवसरों और संभावनाओं के प्रदेश के रूप में देखा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश के लोगों ने जो पाया उससे कहीं ज्यादा बेहतर के हक़दार है। मुझे लगता है कि विकास की प्रक्रियाओं का विश्लेषण करते समय अच्छे और बुरे समय बिंदुओं की परस्पर तुलना करना उचित और तार्किक नहीं होगा क्योंकि हर समय बिंदु पर प्राथमिकताएँ बदलती रहती हैं।  नए-नए परिदृश्य उभरते  हैं और नए रास्ते खुलते जाते हैं। नए क्षेत्र खुलते हैं। इसलिए अंधेरे को कोसने  से अच्छा   रोशनी करना बेहतर है। अतीत को कोसने की अपेक्षा भविष्य की ओर आगे देखना बेहतर है। हमें नए क्ष

"टाइगर स्टेट" बनने के साथ सिंहों के स्वागत को भी तैयार मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश ने पिछले एक साल में न केवल एक बार फिर देश में टाइगर स्टेट होने का गौरव प्राप्त किया है, बल्कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के साथ वन, वन्य प्राणी संरक्षण और वनवासियों के उत्थान के सतत प्रयास भी शुरू कर दिये हैं। गुजरात के गिर में बचे हुए एशियाटिक लायन को विलुप्ति से बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कूनो अभयारण्य में कुछ सिंहों की शिफ्टिंग के लिये भी राज्य सरकार लगातार सक्रिय है। प्रदेश में वनोपज का उत्पादन पिछले वर्ष से अधिक हुआ है। इस वर्ष 2.73 लाख घन मीटर इमारती लकड़ी, 1.62 लाख घन मीटर जलाऊ चट्टे और 34 हजार नोशनल टन बाँस का उत्पादन हुआ है, जो विगत वर्ष की तुलना में इमारती लकड़ी के लिये 56 प्रतिशत, जलाऊ लकड़ी के लिये 30 प्रतिशत और बाँस में 26 प्रतिशत अधिक है। 526 बाघ के साथ म.प्र. फिर देश में प्रथम- अखिल भारतीय बाघ आंकलन के 29 जुलाई 2019 को घोषित परिणाम में 526 बाघ के साथ मध्यप्रदेश पुन: देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2014 में हुई गणना में 306 बाघ आंकलित हुए थे। प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व-पेंच, कान्हा और सतपुड़ा देश में प्रबंधकीय दक्षता में

किसानों को ऋणमुक्त कर समृध्द बनाने के लिए हुए क्रांतिकारी फैसले

मध्यप्रदेश की कृषि प्रधान अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये जरूरी है कि किसान चिन्ता-मुक्त हो, उसके पास आमदनी के स्थाई इंतजाम हो और उसे समय पर आवश्यक वित्तीय सहयोग भी मिले। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने इस शाश्वत सत्य को सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया है, बल्कि अपने प्रारंभिक अल्प-काल में ही इस दिशा में क्रांतिकारी फैसले लिये हैं और उन्हे जमीनी स्तर पर लागू भी किया है। सरकार ने अपने वचन-पत्र में किसान कल्याण और कृषि विकास के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार ने सत्ता संभालते ही किसानों को पीढ़ियों के कर्जो से मुक्ति दिलाई है। साथ ही यह क्रम तब तक जारी रखने का संकल्प भी लिया है, जब तक प्रत्येक पात्र किसान कर्ज-मुक्त नहीं हो जाता। किसान को फसल बोने से लेकर फसल बेचने तक के काम में राज्य सरकार मदद कर रही है। बिजली, पानी आदि भी किसानों को रियायती दरों पर दिया जा रहा है। जय किसान फसल ऋण माफी योजना- प्रदेश में 'जय किसान फसल ऋण माफी योजना' लागू कर किसानों को ऋण-मुक्त करने का अभियान चलाया गया है। पहले चरण में 20 लाख 22 हजार 731 पात्र किसानों के 7154 करोड़ 36 लाख रूपये के

राष्ट्रपति भवन में 14 दिसंबर को केंद्रीय विश्वविद्यालयो के कुलपतियों और उच्च अध्ययन संस्थानों के निदेशकों के सम्मेलन का आयोजन

राष्ट्रपति भवन में 14 दिसंबर,2019 को केंद्रीय विश्वविद्यालयो के कुलपतियों और उच्च अध्ययन संस्थानों के निदेशको के सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद 152 केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उच्च अध्ययन संस्थानो के विजिटर भी हैं, और यह सम्मेलन उनके नियमित संवाद का एक भाग है। सम्मेलन के दौरान विभिन्न उपसमूह अनुसंधान को प्रोत्साहन,छात्रो के बीच नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन,उद्योग-शैक्षणिक जगत के बीच संबंध विकसित करने पर प्रस्तुति देंगे। इससे साथ ही विदेशी विश्वविद्यालयो से प्राध्यापक पद भरने सहित रिक्तियों को भरने,भूतपूर्व छात्र निधि का सृजन करने और भूतपूर्व छात्रो से जुड़ी गतिविधियों को बढाने और अहम आधारभूत ढांचे को समय पर पूरा करने पर भी प्रस्तुति दी जाएगी। सम्मेलन में 46 उच्च अध्ययन संस्थानों के प्रमुखो के साथ-साथ रसायन और उर्वरक,कृषि और किसान कल्याण, मानव संसाधन,वाणिज्य और उद्योग,पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री,संबंधित विभागों के सचिव और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(एआईसीटीई) के अध्यक्ष भी भाग लेंगे।

संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 हुआ पारित

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य धर्म के आधार पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को संरक्षित करना है, भारत के अल्पसंख्यकों का इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है। यह बिल सिर्फ देने के लिए है किसी की नागरिकता छीनने का अधिकार इस बिल में नहीं है: केंद्रीय गृह मंत्री आसाम आंदोलन के शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी, श्री नरेंद्र मोदी सरकार पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति और सामाजिक पहचान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है : केंद्रीय गृह मंत्री सीएबी (CAB) हमारे घोषणापत्र में था और जनता ने विशाल जनाधार देकर इसका समर्थन किया है : श्री अमित शाह 70 सालों तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए वहां के अल्पसंख्यकों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया : केंद्रीय गृह मंत्री यदि यह बिल 50 साल पहले आ गया होता तो समस्या इतनी बड़ी नहीं होती: श्री अमित शाह नई दिल्ली . केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 पर बोलते हुए कहा कि यह बिल करोड़ों लोगों को सम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करे

माफिया के आतंक के खिलाफ लामबंद हुई कमल नाथ सरकार

जन मानस को मिलेगी राहत, माफिया के खिलाफ तेज होगी मुहिम   मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय बैठक 12 दिसम्बर भोपाल : कमल  नाथ सरकार ने अपने मात्र एक साल के कार्यकाल में वर्षों से माफिया राज के आतंक का दंश झेल रही आम जनता को इससे मुक्त कराने की मुहिम को तेज करने के लिए 12 दिसंबर को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है। जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि अब प्रदेश में 'लोगों के लिए लोगों की सरकार' चलेगी न कि माफिया राज। जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मात्र एक साल में माफिया राज की कमर तोड़ने का जो साहस मुख्यमंत्री ने दिखाया है, उससे जनता को राहत मिली है। उन्होंने कहा कि माफिया, शासन-प्रशासन को ताक पर रखकर पूरे प्रदेश में दशकों से  समानांतर सरकार चला रहे थे, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही थी और विकास अवरूद्ध हो रहा था। श्री शर्मा ने कहा कि माफिया के खिलाफ जनमानस के साथ कमर कसकर खड़ी कमल नाथ सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ 'शुद्ध के लिए युद्ध' की शुरुआत की। आम जनता को जहर परोस रहे